Amar Singh Rai

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लेखनी प्रतियोगिता -17-Oct-2022

     " कर्म "
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ब्राम्हणों की जीविका के,
  छः विहित साधन आधार।
     पशुपालन व खेती करना,
        उञ्छ,दान,याचन,व्यापार।

छः सांसारिक कर्म सुनिश्चित,
   अध्धयन, अध्यापन करना।
     यज्ञ करना और कराना,
       दान और प्रतिग्रहण करना।

विप्रों के हैं कर्म स्वाभाविक,
   अंतःकरण का निग्रह करना।
      धर्म पालन की खातिर,
          हर तरह से कष्ट सहना।

इंद्रियों का दमन करना,
   भीतर बाहर शुद्ध रहना।
      पर अपराध क्षमा करना,
         वेदशास्त्र अध्धयन करना।

मन, इंद्रिय और तन को,
   शुद्ध और सरल रखना।
      आस्तिक्य यानी ईश्वर में,
          श्रद्धा भाव बनाए रखना।

करनी का परिणाम मिलता,
   जिन्दा में ही दिखे असर।
      स्मरण रहते सुकर्म हैं,
        कर्म कराएँ अजर-अमर।
    
मौलिक/
                    अमर सिंह राय 
                  नौगांव,मध्यप्रदेश

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7 Comments

Abhinav ji

18-Oct-2022 09:10 AM

Nice

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Punam verma

18-Oct-2022 08:17 AM

Very nice

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बहुत ही सुंदर सृजन

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